प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया है; "प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की।"
पंचायती राज मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति की बैठक 4 जुलाई को केंद्रीय पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गिरिराज सिंह की अध्यक्षता एवं समिति के उपाध्यक्ष तथा केंद्रीय पंचायती राज्य मंत्री श्री कपिल मोरेश्वर पाटील की उपस्थिति में डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में संपन्न हुई। बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने कहा कि आजादी के अमृत काल में हम सभी ने वर्ष 2047 तक संपन्न भारत का संकल्प लिया है, राष्ट्र की संपन्नता में उसकी भाषा की संपन्नता भी निहित है इसलिए हमें अपनी राजभाषा हिंदी को भी जन-जन की भाषा बनाते हुए संपन्न बनाना है। श्री गिरिराज सिंह ने कहा कि आज दुनिया के 20 देशों में हिंदी बहुतायत में बोली जाती है, लगभग दो सौ विश्वविद्यालयों में हिंदी भाषा पढ़ाई जाती है और दुनिया की 70 करोड़ आबादी हिंदी बोलती है। श्री गिरिराज सिंह ने कहा कि हिंदी को लेकर हमें अपनी मानसिकता में बदलाव लाना जरूरी है। इस हेतु प्रबल इच्छा शक्ति भी होना आवश्यक है। हिंदी एक समृद्ध भाषा है और हमें सरकारी कामकाज में अधिक से अधिक हिंदी का उपयोग करना चाहिए। श्री सिंह ने पंचायती राज मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति की नियमित बैठक आयोजित करने पर जोर दिया। केंद्रीय पंचायती राज राज्यमंत्री एवं हिंदी सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष श्री कपिल मोरेश्वर पाटील ने बैठक में कहा कि मंत्रालय में हिंदी में कार्य करने में विगत कुछ वर्षों में विस्तार हुआ है। मंत्रालय के प्रत्येक कार्यक्रम में यह प्रयास किया जाता है कि ज्यादा से ज्यादा हिंदी में ही भाषण और संवाद हो। श्री पाटील ने कहा कि हिंदी बहुत सरल भाषा है और इसमें दूसरी भाषा के शब्द भी आसानी से समाहित हो जाते हैं इसलिए हम सभी को यह प्रयास करना चाहिए कि हिंदी की लोकप्रियता बढ़े। बैठक में समिति के सदस्य एवं राज्य सभा सदस्य श्री इरान्ना करादी, पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री सुनील कुमार, सदस्यगण श्री राम नरेश तिवारी ‘पिण्डीवासा’, श्री तेजस सुरेश कुमार ठकर, श्री आचार्य राम मोहन शुक्ल, सुश्री मीनू कुमारी, श्री अशांत भोला सिंह, डॉ. नीलम सिंह, श्री करण सिंह, राजभाषा विभाग के सहायक निदेशक श्री रघुवीर शर्मा ने अपने विचार एवं सुझाव साझा किए। श्री सुनील कुमार, सचिव, पंचायती राज मंत्रालय ने हिंदी सलाहकार समिति की बैठक में कहा कि पंचायती राज मंत्रालय के कार्यों में राजभाषा हिंदी को बढ़ावा देने की दिशा में निरंतर प्रयास के सकारात्मक परिणाम आये हैं और हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के प्रयासों की समीक्षा के लिए भविष्य में भी इस तरह की बैठकों का आयोजन किया जाएगा। श्री सुनील कुमार ने हिंदी सलाहकार समिति के माननीय सदस्यों को आश्वस्त किया कि उनके महत्वपूर्ण एवं रचनात्मक सुझावों पर यथोचित कार्रवाई की जाएगी। बैठक का संचालन समिति के सचिव एवं पंचायती राज मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार डॉ. बिजय कुमार बेहरा ने किया एवं विगत बैठक की अनुशंसाओं के अनुपालन पर रिपोर्ट चंदर सिंह, उपनिदेशक राजभाषा विभाग ने प्रस्तुत की। बैठक में पंचायती राज मंत्रालय के अपर सचिव डॉ. चंद्रशेखर कुमार, संयुक्त सचिव एवं वित्तीय सलाहकार श्रीमती तनुजा ठाकुर, संयुक्त सचिव श्री आलोक प्रेम नागर एवं मंत्रालय के अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
महाराष्ट्र में बुआई की प्रगति सहित सूखे से निपटने की तैयारियों और खरीफ गतिविधियों की समीक्षा के लिए आज श्री सैमुअल प्रवीण कुमार, संयुक्त सचिव (विस्तार), डीए एंड एफडब्ल्यू, भारत सरकार और श्री सुनील चव्हाण, कृषि आयुक्त, महाराष्ट्र सरकार की सह-अध्यक्षता में कृषि आयुक्तालय, पुणे में एक बैठक आयोजित की गई। इसके अलावा, राज्य के सभी संबंधित योजना नोडल अधिकारियों की उपस्थिति में कृषि में विभिन्न केंद्र प्रायोजित योजनाओं और केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं के कार्यान्वयन की विस्तार से समीक्षा की गई। श्री के.एस. होसालिकर, आईएमडी, पुणे के अपर महानिदेशक और डॉ. एस.डी. सनप, वैज्ञानिक-डी, आईएमडी, पुणे के साथ राज्य में मानसून की प्रगति और जुलाई 2023 माह के पूर्वानुमान की समीक्षा की गई। अब तक राज्य में वर्षा की कमी 39% है और आईएमडी के अनुसार जुलाई महीने के दौरान राज्य में मानसून के जोर पकड़ने की उम्मीद है। कोंकण क्षेत्र में जहां सामान्य से अधिक बारिश हुई है, वहीं मराठवाड़ा, विदर्भ और मध्य महाराष्ट्र जैसे अन्य क्षेत्रों में कम बारिश हुई है। हालाँकि, इस तथ्य पर विचार करते हुए कि अगले दो हफ्तों में बारिश या तो सामान्य या सामान्य से अधिक होने की संभावना है, दृष्टिकोण काफी आशावादी है। बैठक के दौरान श्री दिलीप ज़ेंडे, कृषि निदेशक, महाराष्ट्र सरकार द्वारा कृषि गतिविधियों, मुख्य फसलों और महाराष्ट्र में लागू की जा रही योजनाओं का संक्षिप्त विवरण देते हुए एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया। उन्होंने राज्य में सूखे की तैयारी के लिए किये जा रहे उपायों पर भी प्रकाश डाला। यह स्वीकार किया गया कि सूखे से निपटने की तैयारी के लिए केंद्र सरकार के सभी निर्देश महाराष्ट्र को प्राप्त हो गए हैं और तदनुसार योजना बनाई जा रही है और आवश्यकता के अनुसार समय-समय पर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। कृषि निदेशक ने आगे कहा कि पूरे महाराष्ट्र राज्य में 25 जून 2023 से 1 जुलाई 2023 तक "कृषि संजीवनी सप्ताह" मनाया गया। सप्ताह भर चले इस कार्यक्रम के दौरान मृदा स्वास्थ्य, फसल प्रौद्योगिकी, प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी आदि जैसे मुद्दों पर जागरूकता पैदा करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए गए और इस सप्ताह का समापन माननीय स्वर्गीय वसंतराव नाइक के जन्मदिन 1 जुलाई को "कृषि दिवस" के रूप में मनाने की सहमति के साथ किया गया। राज्य के चार एसएयू, सीआरआईडीए और केवीके की मदद से हर जिले के लिए आकस्मिक योजनाएं तैयार की गई हैं और सभी क्षेत्रीय पदाधिकारियों यानी कृषि के संयुक्त निदेशक, जिला कृषि अधिकारियों और जिला कलेक्टरों को भी सूचित किया गया है। 3 जुलाई 2023 तक, राज्य में 20.60 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई की गई है और अगले कुछ दिनों में इसमें और तेजी आने की उम्मीद है। राज्य में सोयाबीन और कपास प्रमुख ख़रीफ़ फ़सलें हैं, इसके बाद दलहन और धान का स्थान है। जहां तक केंद्रीय योजनाओं के कार्यान्वयन का प्रश्न है, महाराष्ट्र राज्य ने प्रति बूंद अधिक फसल योजना को लागू करने में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। वर्ष 2022-23 में इस योजना के तहत 1,27,627 लाभार्थी किसानों को सब्सिडी वितरित की गई है और 1,12,000 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के तहत लाया गया है।